अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत की खबर सुनकर हर कोई सुनकर आश्चर्यचकित है. मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिस पर प्रताड़ना से परेशान होने की बात कही गई है. पुलिस सभी पहलुओं को लेकर जांच कर रही है.

साधु संतों की बड़ी संस्था कही जाने वाली अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य योग गुरु आनंद गिरि के बीच कुछ महीने पहले संपत्ति का विवाद हुआ था. इस दौरान दोनों ही लोगों में समझौता हो गया था.

परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र महंत गिरि ने उस समय बताया था कि आनंद गिरि ने उनके पैर पकड़कर माफी मांगते हुए सोशल मीडिया, टीवी चैनलों और समाचार पत्रों में अपने द्वारा दिए गए बयान को वापस ले लिया था. इस दौरान आनंद गिरि ने बताया था कि परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि के साथ सभी प्रकार के पिछले विवादों को समाप्त कर लिया है. उन्होंने इस दौरान ये भी कहा था कि गुरु शिष्य की परंपरा को बनाए रखने के लिए भवावेश में जो भी गलत बयान दिया उसको मैं वापस लेता हूं, क्षमा मांग रहा हूं.

उन्होंने कहा था कि अखाड़ा और पंच परममेश्वर से भी क्षमा प्रार्थी हूं. अतः अपने गुरु की कृपा में हमेशा बना रहूंगा. महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि शिष्य आनंद गिरि द्वारा किए गए सभी कृत्यों की माफी मांग लने पर संत ह्दय एवं गुरु परंपरा क्षमा बड़न को चाहिए छोटन को अपराध, के उच्च मानदंड़ों के कारण माफ करता हूं.

उन्हें आगामी गुरु पूर्णिमा पर आश्रम में आकर गुरु पूजा करने की इजाजत देता हूं. महंत नरेंद्र गिरि ने श्री मठ बाघंबरी गद्दी एवं बड़े हनुमान मंदिर में आनंद गिरि के आने पर लगी पाबंदी हटाई और उन पर लगाए गए सभी आरोपों को भी वापस ले लिया था.

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