बहुजन समाज पार्टी के पूर्व महासचिव नसीमउद्दीन सद्दिकी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर के लिए आज का दिन बेहद खराब साबित हुआ. अदालत ने इन दोनों नेताओं को जेल भेज दिया. दोनों ने एमपी-एमएलए कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था और अंतरिम जमानत के लिए अर्जी दी थी.

अदालत ने अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज करते हुए दोनों नेताओं को जेल भेज दिया. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने एक दिन पहले ही दोनों नेताओं को भगोड़ा घोषित करते हुए उनकी संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था. ये दोनों नेता लंबे समय से अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हो रहे थे. अब इस मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी.

बसपा के पूर्व नेता नसीमउद्दीन सिद्दीकी, राज अचल राजभर के अलावा बसपा के तत्कालीन सचिव मेवालाल गौतम, अतर सिंह राव और नौशाद अली भी इस मामले में अभियुक्त हैं. सभी अभियुक्तों के खिलाफ 12 जनवरी को धारा 508, 509, 153ए, 34, 149 और पॉस्को एक्ट में चार्जशीट दाखिल हुई थी.

ये था मामला

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के खिलाफ बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह की अमर्यादित टिप्पणी के बाद भड़के बसपा नेताओं ने दयाशंकर सिंह और उनके परिवार के खिलाफ जमकर हंगामा किया था. इस दौरान दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाती सिंह, मां तेतरी देवी और उनकी नाबालिग बेटी को लेकर अभद्र टिप्पणी की गई थी. इस संबंध में 22 जुलाई 2016 को दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.

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