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नीट जैसी परीक्षा में अगर रिजल्ट में गड़बड़ी की शिकायत आ जाए तो वाकई में बड़ा ही संदेहास्पद कहा जाएगा लेकिन एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिस परीक्षार्थी को रिजल्ट में फेल बताया गया लेकिन जब रिजल्ट को जांचा गया तो वो परीक्षार्थी आल इंडिया टापर के रुप में उभरा.

वास्तव में वो एसटी श्रेणी में टापर था. मृदुल रावत के नाम के शख्स ने एनटीए द्वारा घोषित परिणाम को चुनौती और ओएमआर शीट और उत्तर कुंजी की जांच के बाद ये पाया गया कि वो तो एसटी श्रेणी में अखिल भारतीय टापर है. 17 वर्षीय राजस्थान के सवाई माधोपुर जिवे के गंगापुर कस्बे के निवासी हैं.

16 अक्टूबर को जब एनटीए ने परिणाम को घोषित किया तो उसने मृदुल को 720 अंकों में से 329 अंक दिए. लेकिन बाद में ये पचा चला कि मुदुल ने 720 में 650 अंक प्राप्त किए हैं. मृदुल के अनुसार सामान्य श्रेणी में उनकी आल इंडिया रैंक 3577 हैं, हालांकि NTA द्वारा जारी की गई दूसरी मार्कसीट में एक गलती मृदुल द्वारा बताई गई थी. दूसरी मार्कसीट में उनके अंको का योग 650 दिखाता है लेकिन केवल तीन सौ उन्तीस शब्दों में लिखा गया था.

गौरतलब है कि पहले नंबर पर दो उम्मीदवारों ने बराबर अंक प्राप्त किए, अधिकारियों के मुताबिक ओडिशा के शोए आफताब और दिल्ली का आकांक्षा सिंह ने 720 में से 720 बराबर अंक प्राप्त किए हैं. लेकिन एनटीए की टाई ब्रेकिंग नीति के अनुसार आफताब को पहला और आकांक्षा सिंह को दूसरा स्थान मिला है.

शोएब ने इस दौरान मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मैंने कोरोना वायरस की अवधि के दौरान अपने सभी संदेहों को दूर किया क्योंकि अतिरिक्त समय था और मैंने इस अवधि को एक अवसर के रुप में देखा.

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