बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सोमवार का भाषण बिहार की सियासत में चर्चा का केंद्र बन गया है. भाषण के दौरान जेडीयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन उर्फ़ ललन सिंह सोते हुए नजर आए. उनकी ये तस्वीर वायरल हो गयी. इसको लेकर आरजेडी नेता ने नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.

आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा कि नीतीशजी कल 2 घंटा 53 मिनट बोले. इतना लम्बा भाषण, थकाऊ और उबाऊ था कि उनके प्रिय ललन सिंह मंच पर सोते नजर आए.

आगे उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के 2014-15 के भाषणों को याद कीजिए. तब नीतीश के प्रतिद्वंदी नरेंद्र मोदी हुआ करते थे. उन दिनों नीतीशजी का भाषण पंद्रह-बीस मिनटों का हुआ करता था. तब वे नरेंद्र मोदी पर भारी पड़ रहे थे. नरेंद्र मोदी के समर्थकों को भी उनका भाषण प्रधानमंत्री स्तर का नहीं लग रहा था. इसके विपरीत नीतीश उनके मुकाबले बेहतर ढंग से अपनी बातों को रख रहे थे.

उन्होंने का कि उनकी राजनीति का वह चरम था. वही काल था जब देश को नीतीश में प्रधानमंत्री की छवि दिखाई दे रही थी. नरेंद्र मोदी से बेहतर पीएम की छवि. शिवानंद ने आगे कहा कि कल नीतीश जी जब बोल रहे थे तो उनके सामने नरेंद्र मोदी नहीं, बल्कि तेजस्वी यादव थे. मोदी के सामने तो नीतीश आत्मविश्वास से लबरेज दिखाई दिए थे.

लेकिन तेजस्वी के सामने कल डगमगाए हुए लगे. भाषण में आत्मविश्वास नजर नहीं आया. यहां तक कि अपने भाषण में वे अपने ही द्वारा स्थापित मर्यादा का उल्लंघन करते हुए परिवार के अंदर की उजागर बातों को ही उजागर कर रहे थे.

शिवानंद ने का कि नीतीश जी कल खाली बर्तन की तरह ढन-ढना रहे थे. उनके दो घंटे 53 मिनट के भाषण में कोई मौलिकता नहीं थी.  पिछले दो-तीन महीने का संजय सिंह या नीरज कुमार या संजय झा या अशोक वगैरह नीतीश जी के जिन कामों को गिनार रहे हैं, लग रहा था कि नीतीश उन्ही के संकलन का पाठ कर रहे हैं. कल के अपने भाषण से नीतीश जी ने तेजस्वी का कद बढ़ाया और अपना कद छोटा किया.

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