बिकरु कांड में पुलिस की ओर से तैयार की गई चार्जसीट में खुशी को आरोपी बनाने और मनु पांडेय पर पुलिस की कृपा के बाद लगातार पुलिस प्रशासन भी सवालों के घेरे में है. मनु पांडेय पर रुख साफ ना करने के वजह से कई सवाल उठ रहे हैं. वहीं महज तीन पहले बिकरु पहुंची नवविवाहिता खुशी को खूंखार अपराधी बना दिया गया जबकि मनु के खिलाफ साजिश में शामिल होने के पुख्ता सबूत होने के बाद भी उसे आरोपी नहीं बनाया गया है.

विगत 2 जुलाई को हुए कांड में पुलिस अभी तक 42 आरोपियों को जेल भेज चुकी है. विकास के खासमखास अमर दुबे की पत्नी खुशी भी इस समय जेल में हैं. वारदात से ठीक तीन पहले ही खुशी की शादी हुई थी. खुशी के ऊपर पुलिस ने 17 गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है. वहीं जेल भेजे गए शशिकांत की पत्नी मनु के ऊपर पुलिस की ओर से किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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जबकि उसकी एक काल रिकार्डिंग भी सामने आई थी जिससे ये साबित हो रहा था कि मनु भी इसमें शामिल रही थी. वहीं कुछ अधिकारी मनु को गवाह बनाने की बात कर रहे हैं ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि वो जब अपराध में शामिल है तो उसे गवाह क्यों बनाया जा रहा है. वहीं विवेचना टीम में शामिल एक अधिकारी का कहना है कि मनु के ऊपर जो आरोप है उस आधार पर मनु को आरोपी बनाया जाना चाहिए.

खुशी को जेल भेजे जाने के बाद कई सवाल खडे हुए थे, उस समय एसएसपी दिनेश कुमार ने कहा था कि खुशी को जेल से बाहर निकलवाया जाएगा. हालांकि कुछ ही दिन बाद पुलिस पलट गई थी. जिसके बाद रिहाई का प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी गई थी, फिर  उसे अपराधी बना दिया. ऐसा क्यों किया गया इसको लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है. बिकरु के कुछ लोगों का कहना है कि खुशी अगर बाहर रहती तो कई राज खुल सकते हैं इसमं पुलिस भी फंस सकती है.

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