कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में केंद्र सरकार को जमकर घेरा. बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कहा था कि विपक्ष कृषि कानूनों की विषय वस्तु व इरादे पर बात नहीं कर रहा. राहुल गांधी ने कहा कि आज मैंने सोचा कि मैं उन्हें खुश कर दूं, मैं आज विषय वस्तु व इरादे दोनों पर बोलूंगा.
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कल विकल्प की बात कही थी. हां आपने तीन विकल्प दिए मैं आपको बताता हूं. ये तीन विकल्प हैं भुखमरी, बेरोजगारी और आत्महत्या.
राहुल गांधी ने कहा कि ये कानून हम दो हमारे दो के लिए लाए है. पहले सरकार ने ये काम नोटबंदी के जरिए किया था. किसानों व मजदूरों का पैसा छीन लिया गया. आगे कहा कि पहले कानून की विषय वस्तु यह है कि देश में कहीं भी खाद्यान्न, फल और सब्जियों की असीमित खरीद हो सकती है. अगर देश में कहीं भी खरीद असीमित है तो मंडियों में कौन जाएगा, पहले कानून की सामिग्री मंडियों में ख़त्म करना है.
दूसरे कानून की सामिग्री यह है कि बड़े व्यापारी जितना चाहें उतना अनाज, फल और सब्जियां स्टोर कर सकते हैं. वे जितना चाहें उतना होर्डिंग लगा सकते हैं. दूसरे कानून की सामिग्री आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करना है. यह भारत में असीमित जमाखोरी करेगा. तीसरे कानून की सामिग्री यह है कि जब कोई किसान अपनी फसलों की सही कीमत मांगने के लिए भारत के सबसे बड़े व्यापारी के सामने जाता है, तो उसे न्यायालय में जाने की अनुमति नहीं होगी.
राहुल गांधी ने कहा कि सैलून पहले फैमिली प्लानिंग में नारा था- हम दो और हमारे दो. आज क्या हो रहा है, जैसे कोरोना दूसरे रूप में आता है, वैसे ही ये भी नए रूप में आ रहा है. अब चार लोग चला रहे हैं. उनका नारा हम दो हमारे दो. आगे कहा कि हम दो और हमारे दो इस देश को चलाएंगे. पहली बार हिंदुस्तान के किसनों को भूख से मरना पड़ेगा. ये देश रोजगार पैदा नहीं कर पाएगा. ये पहली कोशिश नहीं है.