केंद्र की मोदी सरकार ने कृषि से जुड़े तीन बिलों को हाल में ही संसद के दोनों सदनों से पास करा लिया. किसान और विपक्षी दल इन बिलों का खुलकर विरोध कर रहे हैं. किसान सड़कों पर हैं और विपक्षी दल भी लगातार इसका समर्थन कर रहे हैं.

उत्तर प्रदेश के जौनपुर में समाजवादी कुटिया संचालक ऋषि यादव ने कृषि बिल का विरोध करने के लिए अनोखा तरीका इस्तेमाल किया. ऋषि यादव ने गांव में बुजुर्ग किसान के साथ बैलों में जुगाड़ में खुद बैल बनकर नध गए और खेत में की जुताई की और हरवाह के रूप में प्रतीकात्मक रूप से मोदी का चित्र लगाकर खुद को हकवाते हुए खेतों की जुताई कर अनोखा प्रदर्शन किया.

कुटिया संचालक ऋषि यादव बताया कि मोदी सरकार हमेशा से पूंजीवादियों के हित में फैसला लिया है किसानों की छुट्टियां हो गई है कि वह अपनी खुद की फसल को खरीदने जाते हैं तो बाजारों में खरीद तो नहीं पाएंगे.

उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर ये तीनों बिल बड़े कारोबरियों के हित में हैं और खेती के वर्जित क्षेत्र में उन्होने उतरने के लिए मददगार साबित होंगे. अब किसानों को इस क्षेत्र से खदेड़ने की तैयारी है क्योंकि इस डूबती अर्थव्यवस्था में खेती ही एकमात्र ऐसा सेक्टर है जो लाभ में है.

ऋषि यादव ने कहा कि अगर ये कानून बन जाता है तो किसानी के पेशे से छोटे और मझोले किसानों और खेतिहर मजदूरों की विदाई तय मानिये. मगर ये लोग फिर करेंगे क्या? क्या हमारे पास इतने लोगों के वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था है?

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