बलिया जिले में गंगा नदी के किनारे बसे हैबतपुर सहित लगभग दर्जनभर गांवों का अस्तित्व बचाने के लिए युवा चेतना लंबे समय से संघर्ष करती आ रही है. युवा चेतना प्रमुख रोहित सिंह इस मुद्दे को लेकर स्थानीय स्तर से दिल्ली तक के नेताओं और अधिकारियों से मिले मगर अब तक इसका समाधान निकल नहीं पाया है.
सोमवार को रोहित सिंह ने बलिया में बांध निर्माण की मांग को लेकर आजमगढ़ के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा.
रोहित सिंह ने कमिश्नर पंत को बताया कि एक मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैबतपुर गांव की धरती से ही अपनी महात्वाकांक्षी उज्जवला योजना की शुरूआत की थी. ऐसी ऐतिहासिक धरती का भविष्य आज संकट में है.
उन्होंने कहा कि ये गांव गंगा नदी के किनारे बसे हुए हैं और लगातार कटान की वजह से इनका अस्तित्व खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है.
रोहित सिंह ने कहा कि बलिया के हैबतपुर, मुबारकपुर, खोड़ीपाकड़, दरामपुर, सरफुद्दीनपुर, देवरिया कला, नसीराबाद, मालदेपुर, विजयीपुर, रामपुर, महावल सहित लगभग दर्जनभर गांव ऐसे हैं जो कटान की वजह से कभी भी गंगा नदी में समाहित हो सकते हैं, इन्हें बचाने के लिए बांध का निर्माण करना बेहद ही आवश्यक है. युवा चेतना प्रमुख रोहित सिंह ने कहा कि हम बलिया के गांवों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.