रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 19 जनवरी को माइनस 14 डिग्री तापमान के बीच बर्फीले पानी में डुबकी लगाई. यह एक आस्था की डुबकी थी जो उन्होंने ईसाई धर्म के अनुष्ठान के रूप में मॉस्को में लगाई. ठंडे पानी के बीच दिख रहे रूसी राष्ट्रपति की यह तस्वीर उनके ट्वीटर हैंडल द्वारा शेयर की गयी है.

दरअसल, रूस में इपिफनी के मौके पर बर्फीले पानी में डुबकी लगाने को पवित्र माना जाता है. 68 वर्षीय पुतिन ने भी इसी परंपरा के तहत डुबकी लगाई है.

इपिफनी के अवसर पर इसाई धर्म को मानने वाले लोग पारम्परिक रूप से किसी बर्फीले पानी वाले नदी, तालाब या पूल में डुबकी लगाते हैं. रूसी राष्ट्रपति की साझा की गयी तस्वीर में दिख रहा है कि राष्ट्रपति पुतिन बर्फीले पानी वाले पुल तक एक ओवरकोट पहनकर आते हैं और फिर डुबकी लगाते वक्त वह शर्टलेस नजर आते हैं.

ऐसी मान्यता है कि ईसा मसीह ने जोर्डन नदी में डुबकी लगाई थी और इस दिन बर्फीले पानी में डुबकी लगाने से पाप धुल जाते हैं. मान्यता है कि मध्य रात्रि में इस अवसर पर नदी, तालाब या पुल का पानी पवित्र हो जाता है.

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