कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच आज हुई 10वें दौर की बातचीत भी बेनतीजा साबित हुई. किसान कानून वापसी से कम पर तैयार नहीं हैं और सरकार ने साफ कह दिया है कि कानून वापस तो नहीं होंगे. अब सरकार और किसान संगठनों के बीच अगली बैठक 22 जनवरी को होगी.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम तीनों कानूनों पर आपके साथ बिंदुवार चर्चा को तैयार हैं लेकिन सरकार किसी भी सूरत में ये तीनों कानून वापस नहीं लेगी.

उन्होंने कहा कि सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच एक कमेटी बना दी जाए, जब तक बीच का रास्ता नहीं निकलेगा तब तक हम ये कानून लागू नहीं करेंगे. सरकार ये बात सुप्रीमकोर्ट में भी कहने को तैयार है.

सरकार ने किसानों से ट्रैक्टर रैली को रद्द करने और इन कानूनों को दो साल तक के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव दिया जिसे किसानों ने सिरे से खारिज कर दिया.

कृषि मंत्री ने कहा कि आज का दिन शुभ है, हमें इस मुद्दे पर मिलकर कोई का रास्ता निकालना पड़ेगा. आखिर कब तक किसान इस आंदोलन के कारण सड़कों पर बैठे रहेंगे.

बैठक में किसान संगठनों ने एनआईए की ओर से दिए जा रहे नोटिस का मुद्दा उठाया तो सरकार की ओर से कहा गया कि बेगुनाह लोगों की लिस्ट दी जाए.

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