बिहार में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में जनता ने एनडीए को बहुमत दिया है. बिहार में एनडीए ने 125 सीटों पर जीत हासिल की है जबकि महागठबंधन को 110 सीटें ही हासिल हुई हैं. आठ सीटें अन्य के खाते में गई हैं. बिहार के जनादेश से ये साफ है कि नितीश कुमार एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.

हालांकि इस दौरान उनकी नैतिकता को लेकर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं. दबी जुबान में लोग ये चर्चा कर रहे हैं कि नितीश कुमार को मुख्यमंत्री पद ग्रहण नहीं करना चाहिए.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में नितीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि नितीश कुमार को फिर से मुख्यमंत्री का पद मिल सकता है, उन्हें भाजपा के निर्देशों के तहत काम करना होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा और जदयू वैचारिक तौर पर अलग अलग हैं.

image credit-getty

संपादकीय में आगे लिखा है कि ऐसे में नितीश कुमार को राज्य का मुख्यमंत्री बनाना मतदाताओं का अपमान करने जैसा होगा, ये एक हारे हुए पहलवान को पदक दिलाने जैसा होगा.

तेजस्वी यादव की तारीफ करते हुए सामना में लिखा गया कि बिहार की राजनीति में युवा नेता का उदय हुआ है. भाजपा ने भले ही नंबर गेम जीत लिया हो मगर असली विजेता तो 31 वर्षीय तेजस्वी यादव की हैं.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here