महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अब वहां सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है. चुनाव नतीजे आने के बाद ये लग रहा था कि बीजेपी शिवसेना दोनों मिलकर आसानी से सरकार बना लेंगे. मगर अब मामला फंसता नजी आ रहा है. शिवसेना ने अपनी ही सहयोगी पार्टी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

शनिवार को शिवसेना के नवनिर्वाचित विधायकों ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की. विधायक दल की बैठक में फैसला लिया गया है कि पहले बीजेपी लिखित में दे कि वह ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री वाले यानी 50-50 वाले फॉर्मूले पर राजी है.

शिवसेना विधायक रमेश लटके मीटिंग खत्म होने के बाद कि सारे अधिकार उद्धव जी को दिये गए हैं. जो वो कहेंगे वही होगा. वहीं एक और शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक ने कहा कि  बीजेपी जब तक लिखित में नही देगी तब तक शिवसेना सरकार में शामिल नहीं होगी.

जो तय हुआ है 50-50 फार्मूला उसके तहत ढाई ढाई साल का मुख्यमंत्री होना चाहिए.  महाराष्ट्र के ज़्यादातर शिवसेना विधायक चाहते हैं कि  इस बार शिव सेना को मुख्यमंत्री का पद दिया जाये और यह पद आदित्य ठाकरे को मिले.

इसी बीच ठाकरे आवास मातोश्री के बाहर आदित्य ठाकरे को राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर पोस्टर लगाए गए हैं. जब से आदित्य ने चुनाव लड़ने का फैसला किया था तभी से शिवसैनिकों ने उन्हें अगले मुख्यमंत्री के तौर पर देखना शुरू कर दिया था.

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