कोरोना काल में खेल प्रशिक्षिकों के सामने एक बड़ा संकट आ खड़ा हुआ है. निजी शूटिंग अकादमी चला रहे नेशनल शूटर रहे देवव्रत के सामने तंगी के हालात बन गए हैं. उनकी अकादमी पांच महीने से बंद है. स्थिति ये हो गयी है कि किराया चुकाने के लिए देवव्रत के सामने अपनी पिस्टल बेचने की आ बनी है.
नेशनल शूटर से कोच बने देवव्रत बरेली में राइजिंग स्टार के नाम से शूटिंग अकादमी चलाते हैं. उनकी अकादमी से कई खिलाड़ी निकले हैं जिन्होंने बरेली का नाम रोशन किया. लॉकडाउन होने के पहले स्थिति सामान्य थी, लेकिन लॉकडाउन लगने के बाद अकादमी बंद पड़ी तो देवव्रत की आय भी बंद हो गयी.
अकादमी का किराया 12,500 रूपये महीना है. करीब 1500 रूपये बिजली बिल के जाते हैं. मकान मालिक ने उनका पूरा सहयोग किया है, लेकिन पांच महीने से किराया न दे पाने से देवव्रत के लिए मुश्किलें बढ़ी हैं. ऐसे में उन्होंने किराया चुकाने के लिए अपनी पिस्टल बेचने का फैसला किया. ग्राहक खोजने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर सूचना डाली.
देवव्रत ने बताया है कि पिस्टल बेचने का फैसला बहुत ही कठिन है. यह पिस्टल एक तरह से उनका जीवन है. यही उनकी आजीविका का जरिया है. देवव्रत ने 2001 से 2015 तक डिस्ट्रिक्ट और इंटर डिस्ट्रिक्ट शूटिंग कॉम्पीटिशन में लगातार मैडल जीते. वहीं देवव्रत अपने मकान मालिक का भी शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने पांच महीने तक उनका सहयोग दिया.