उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की ओर से शनिवार को अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल के दौरान दिए गए रोजगार के आंकड़े जारी किए गए हैं. इन आंकड़ों को लेकर समाजवादी पार्टी ने सवाल खड़े किए हैं और आरोप लगाए हैं. पार्टी का कहना है कि इन झूठे आंकड़ों को जारी कर आँखों में धूल झोंखने का काम किया जा रहा है.

सपा ने योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश सरकार में हुई भर्तियों का भी क्रेडिट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लेना चाह रहे हैं.

सपा प्रवक्ता व एमएलसी सुनील सिंह साजन ने आंकड़ों पर कहा कि सरकार ने कल रोजगार पर साढ़े तीन सालों का ब्यौरा जारी किया है. रोजगार के झूठे आंकड़े जारी कर आखिर सरकार किसकी आँखों में धूल झोंकना चाहती है. चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के तहत भरे गए 90 फीसदी पर संविदा या आउटसोर्सिंग के हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में 100 फीसदी भर्तियां संविदा की होती हैं. सरकार आउटसोर्सिंग और ठेके पर दी जाने वाली नौकरी को उपब्धि क्यों मानती हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार आउटसोरिंग, ठेके पर की गयी भर्तियों, संविदा भर्ती और अस्थायी नौकरियों का ब्यौरा क्यों नहीं देती है? अधीनस्थ चयन सेवा आयोग और लोक सेवा आयोग में जो भर्तियां अखिलेश यादव के समय में निकली थी उसका रिजल्ट 2017 में आया. उसको भी सरकार ने  अपनी उपलब्धियों में जोड़ लिया.

भारतीय जनता पार्टी की सरकार अखिलेश के जमाने में की गयी भर्तियों को अपना क्यों बता रही है? सपा सरकार के कामकाज का फीता काटने के बाद अब बीजेपी सरकार रोजगार को भी अपने हिस्से में गिना रही है.

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