कई लोग अपनी उदारता की वजह से समाज के लिए मिसाल बन जाते हैं. ऐसा ही आंध्रप्रदेश के एक गांव में देखने को मिला है. एक लावारिश लाश को जहां हर कोई छूने से घबरा रहा था तो वहीं सब इंस्पेक्टर ने अपने कंधे पर उठाकर ले जाकर अंतिम संस्कार किया. वह दो किलोमीटर तक कंधे पर रखकर पैदल चलीं और अपने हाथों से अंतिम संस्कार किया.

सब इंस्पेक्टर के. श्रीषा श्रीकाकुलम जिले के कासिबुग्गा में तैनात हैं. श्रीषा ने जो किया वह उनका काम नहीं था बल्कि यह रूटीन ड्यूटी से परे था.

आदिविकोटूर गांव के एक खेत में लोगों ने लावारिश लाश को देखा, लेकिन कोई भी उस लाश के पास जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था. जानकारी हुई कि वह भीख मांग कर पेट भरा करता था. लेकिन उसका घर किसी को नहीं पता था. श्रीषा को घटना की जानकारी मिली तो वो मौके पर पहुंची. जहां उन्होंने देखा कि लाश का अंतिम संस्कार तो दूर लोग उसके पास जाने से भी घबरा रहे थे. शायद ऐसा लोग कोरोना संक्रमण के डर की वजह से कर रहे थे.

श्रीषा ने जो किया उसके लिए उनकी तारीफ हो रही है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री कृष्णा रेड्डी ने भी तारीफ करते हुए ट्वीट में कहा कि ऑफिसियल ड्यूटी से आगे एक कदम उठाकर अंतिम संस्कार में मदद करना दिखाता है कि हमारे देश में हर पुलिसकर्मी कितनी गहराई से अपने अंदर मानवीय मूल्यों को रखता है.

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