महाराष्ट्र के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) घोटाला सामने आया है. इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना विभाग की ओर से लखनऊ के हजरतंज थाने में एक मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. इसी मुकदमें में टीआरपी में घोटाले की बात कही गई है.
उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने मामले की गंभीरता को दखते हुए इसकी सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश कर दी है. इसके लिए संस्तुति पत्र भी भेजा जा चुका है.
इससे पहले महाराष्ट्र में इसी तरह का घोटाला सामने आया था, इसमें कई चैनलों के मालिकों को पूछताछ के लिए नोटिस भी भेजा गया था. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था.
क्या है टीआरपी घोटाला
टेलीविजन चैनल को विज्ञापन टीआरपी रेटिंग के आधार पर ही मिलता है. इसका डाटा उपलब्ध कराने वाली एजेंसी कुछ चुनिंदा जगहों पर टीआरपी मीटर लगाती है और उसी मीटर के आधार पर ये तय किया जाता है कि कौन सा प्रोग्राम लोग ज्यादा पसंद करते हैं. इसी में छेड़छाड़ कर रेटिंग में बदलाव किया जाता है.
मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने टीआरपी घोटाले का पर्दाफाश करते हुए कहा कि इसमें दो मराठी चैनल और एक राष्ट्रीय समाचार चैनल शामिल है. मुंबई पुलिस कमिश्नर ने कहा था कि इसके पीछे जो भी जिम्मेदार होगा उसे गिरफ्तार किया जाएगा चाहे वो कितना भी शक्तिशाली और प्रभावशाली हो.