उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के हड़ताल की वजह से कई शहरों में बिजली गुल हो गयी. रात में लोग बिजली न होने के चलते बेहाल नजर आए. नवीनीकरण के विरोध में सोमवार से पूरे प्रदेश में करीब 15 लाख बिजली कर्मियों का बहिष्कार जारी है. बिजली कर्मियों के प्रदर्शन से प्रदेश के करोड़ों लोगों को बिजली समस्या से जूझना पड़ा.

प्रयागराज, लखनऊ, बरेली, मेरठ, वाराणसी समेत कई शहरों के इलाकों की बिजली गुल रही. बिजली न आने से उपकेंद्रों पर फोन की घंटियां बजने लगीं, लेकिन बिजली कर्मियों के प्रदर्शन के चलते किसी का फोन रिसीव नहीं हुआ. गर्मी के अलावा लोग पानी की समस्या से भी बेहाल दिखे.

बिजली कर्मियों के पहले दिन कार्य बहिष्कार के बाद बने हालात से राज्य की योगी सरकार बैकफुट पर आ गयी. पूर्वांचल विद्युत् वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव को सरकार ने वापस लेने का फैसला किया, लेकिन पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया.

सोमवार को उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कर्मचारियों के बीच जाकर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर का आश्वासन दिया था, जिसके बाद विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने आंदोलन वापस लेने का मन बना लिया था. बताया जा रहा है कि चेयरमैन ने हस्ताक्षर करने के लिए समय मांगा है. उनका कहना है कि जब टेंडर की प्रक्रिया और व्यवस्था में सुधार हो जाएगा तब निजीकरण के प्रस्ताव को समाप्त करेंगे.

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