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उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के बूलगढ़ी गांव में दलित परिवार की बेटी के साथ हुई घटना और उसके बाद आनन फानन में रात में किए गए अंतिम संस्कार को लेकर देशभर में गुस्सा है. देश के कई राज्यों में इस घटना को लेकर प्रदर्शन भी हो रहे हैं. हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि आखिर पुलिस प्रशासन को अंतिम संस्कार की इतनी जल्दी क्यों थी मगर इसका अभी तक कोई जवाब नहीं मिल पाया था.

अब मामला देश की सर्वोच्य अदालत के पास पहुंचा तो चर्चा इसी बात पर हुई कि देर रात अंतिम संस्कार क्यों किया गया. इस सवाल के जवाब में यूपी सरकार ने अदालत को बताया कि परिवार के सदस्य की सहमति के बाद ही अंतिम संस्कार किया गया.

सरकार ने कहा कि परिवार के लोग भविष्य में तनाव के आसार देखते हुए रात में ही अंतिम संस्कार के लिए सहमत हो गए थे और कानून व्यवस्था की स्थिती बनाए रखने के लिए ये जरूरी हो गया था कि रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया जाए.

यूपी सरकार ने हलफनामा दाखिल कर कहा कि वो चाहते हैं कि सीबीआई जांच की निगरानी सुप्रीमकोर्ट करे. इस मामले में एक और जनहित याचिका सुप्रीमकोर्ट में दाखिल की गई है जिसमें कहा गया है कि सुप्रीमकोर्ट या हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच का आदेश पारित किया जाए और इस मामले को दिल्ली स्थानांतरित किया जाए क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम साबित हुए हैं.

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