लहरों से ड़रकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. इन पंक्तियों को हाल ही में यूपीएससी द्वारा जारी किए गए परिणामों में देखने को मिला है. देश की सबसे कठिन परीक्षा मानी जाने वाली परीक्षा में सफलता प्राप्त करके इन उम्मीदवारों ने साबित कर दिया है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता, अगर आप मेहनत करते हैं तो निश्चित ही एक दिन आपको सफलता मिलनी है. इसके आगे कोई भी संघर्ष बड़ा नहीं होता.

ऐसी ही कई सफल उम्मीदवारों की कहानियां बीते दिन से ही सभी के सामने आ रही हैं. इसी क्रम में एक और छात्र की भावुक कर देने वाली कहानी है. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले विशाल ने संघ लोक सेवा आयोग UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में 484 वीं रैंक प्राप्त की है. उनकी इस सफलता के बाद से ही मीनापुर प्रखंड स्थित उनके गांव मकसूदपुर में जश्न का माहौल है.

घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है कोई उनकी मिसाल दे रहा है तो कोई उनसे प्रेरणा ले रहा है. यूपीएससी में सफलता प्राप्त करने वाले विशाल बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता की साल 2008 में मौत हो गई थी. वो ही मजदूरी करके अपने घर का पालन-पोषण करते थे. उनके जाने के बाद घर के हालात बद से बदतर होते चले गए. इसके बाद विशाल की मां रीना देवी ने बकरी और भैंस पालकर अपने परिवार का भरण पोषण किया.

विशाल अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और अपने अध्यापक गौरी शंकर प्रासद को देते हैं. विशाल के अनुसार गौरी शंकर ने मुश्किलों हालातों में उनकी बहुत मदद की है. उन्होंने विशाल के पढ़ाई की फीस दी. पैसों की तंगी के समय अपने घर पर ही रखा. जब विशाल नौकरी करने लगे थे तब अध्यापक ने ही उन्हें नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने के लिए प्रेरित किया था.

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