मकान मालिक और किराएदार के बीच होने वाले विवादों को कम करने के लिए योगी सरकार नया किराएदारी कानून लाने जा रही है. उत्तर प्रदेश के आवास विभाग की ओर से किराएदारी विनियम अध्यादेश 2020 का प्रारूप भी जारी कर दिया गया है. आवास विभाग ने 20 दिसंबर तक जनता से इसपर सुझाव मांगे हैं.

प्रमुख सचिव आवास दीपक कुमार ने नए कानून के प्रावधानों पर सुझाव मांगते हुए कहा कि किराएदारी विनियम अध्यादेश जारी करने पर विचार किया जा रहा है. सरकार का कहना है कि नए कानून के तहत मकान मालिक और किराएदार दोनों के हित सुरक्षित रहेंगे.

नए प्रारूप के मुताबिक आवासीय संपत्ति पर 5 फीसदी और गैर आवासीय संपत्ति पर 7 फीसदी सालाना किराया बढ़ाया जा सकेगा. मकान में किसी भी तरह की टूट फूट की जिम्मेदारी किराएदार की होगी.

किराएदार अगर दो महीने तक किराया नहीं दे पाता है तो मकान मालिक उससे मकान खाली करवा सकता है. किराएदार बिना मकान मालिक की सहमति के कोई तोड़फोड़ और कोई निर्माण नहीं करवा सकता.

ये कानून लागू हो जाने के बाद बिना एग्रीमेंट कोई भी मकान मालिक किराएदार नहीं रख सकेगा. मकान मालिक को किराएदार की जानकारी प्राधिकरण को देनी होगी. किराया प्राधिकरण ही किसी भी विवाद का निपटारा करेगा.

एग्रीमेंट समाप्त होने के बाद किराएदार को मकान खाली करना होगा, अगर ऐसा नहीं होता तो मकान मालिक उससे चार गुना किराया वसूल सकेगा.

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