उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण का कोटा बढ़ा दिया है. अब राज्य में सरकारी नौकरियों में कुल 60 फीसदी पदों पर आरक्षण होगा. आर्थिक तौर पर कमजोर वालों के लिए 10 फीसदी आरक्षण के बाद रिजर्वेशन का कोटा बढ़ा है.

सभी भर्ती आयोग अब इसी आधार पर विज्ञापन निकालकर आवेदन लेंगे. उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने इसके लिए तैयारियां शुरू करदी हैं. भर्ती के लिए जो प्रस्ताव पूर्व से आए थे उसे वापस भेजकर इसमें संशोधन कराया जा रहा है.

आर्थिक तौर पर कमजोरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण 

राज्य सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है. इसके तहत उत्तर प्रदेश लोक सेवा अधिनियम 2020 जारी किया जा चुका है. इसके आधार पर आर्थिक तौर पर कमजोरों के लिए 10 फीसदी आरक्षण अनिवार्य होगा. इसका लाभ उत्तर प्रदेश में रहने वालों को ही मिलेगा.

मौजूदा समय में अनुसूचित जाति के लिए 21 फीसदी, अनुसूचित जनजाति दो फीसदी, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था की थी.

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