कृषि कानूनों का विरोध दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल कृषि कानूनों के विरोध में हैं और सरकार से लगातार इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इसी दौरान अब बजट सत्र भी शुरू होने जा रहा है. बजट सत्र के दौरान कृषि कानूनों का मुद्दा छाए रहने की प्रबल संभावना है.

संसद के बजट सत्र के दौरान होने वाले महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण का 16 दलों ने बहिष्कार करने का एलान कर दिया है. विपक्षी दलों का कहना है कि जिस तरह सभी नियमों को ताक पर रखकर कृषि कानूनों को पारित कराया गया है उसके विरोध में ये कदम उठाया गया है.

जिन विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध किया है उनमें कांग्रेस के अलावा एनसीपी, जेकेएनसी, डीएमके, एआईटीसी, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, आरजेडी, सीपीआईएमएल, सीपीआई, आईयूएमएल, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस, और एआईयूडीएफ शामिल हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने आज कहा कि हम 16 राजनीतिक दलों की ओर से एक बयान जारी कर रहे हैं कि कल सदन में दिए जाने वाले राष्ट्रपति के अभिभाषण का हम बहिष्कार करेंगे. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को संसद में विपक्ष की रोक के बाद जबर्दस्ती पास कराया गया है.

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