समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि देश नहीं बिकने देंगे का नारा लगाने वाले लोकतंत्र की मंडी लगाकर बैठे हैं. किसान बेहाल है मगर सरकार ध्यान भटकाने में व्यस्त है.

अखिलेश यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी लाभ देने वाली सरकारी संस्थाएं बेच रहे हैं, मुख्यमंत्री जी समाजवादी सरकार के कामों पर जबरन अपने नाम के पत्थर लगवा रहे हैं, इनके मंत्री पीएम-सीएम की फोटो लगाकर फर्जी मोबाइल बिक्री का उद्घाटन कर रहे हैं.

सपा मुखिया ने कहा कि प्रदेश में किसानों का हाल बेहाल है. झूठे दावों से भ्रम फैलाते हुए किसानों का ध्यान भटकाने में भाजपा सरकार व्यस्त है. पेराई सत्र शुरू होने के बावजूद गन्ने की कीमत में वृद्धि नहीं हुई. नए सत्र में मिल मालिक पुरानी दरों पर ही भुगतान कर रहे हैं. पिछला बकाया ही अभी चुकता नहीं हुआ है.

उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार ने तो किसान आंदोलन खत्म करने के लिए नई साजिश रची है. किसानों को चिह्नित करने के नाम पर पुलिस के जरिए किसानों के मनोबल को कमजोर करने की कोशिश हो रही है. इसमें प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए हैं. यह अलोकतांत्रिक आचरण है.

अखिलेश यादव ने कहा कि किसानों के रोष को देखते हुए विश्वास होता है कि अब भाजपा के दिन गिने चुने रह गए हैं. किसान सत्ता में बदलाव चाहते है। सन् 2022 में वे साइकिल के साथ रहेंगे.

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