मुंबई पुलिस ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी को गिरफ्तार किया है. पुलिस अर्नब गोस्वामी के घर पहुंची और उन्हें पुलिस वैन में बैठाकर अपने साथ ले आई. अर्नब ने आरोप लगाया है कि मुंबई पुलिस ने उनके परिवार के लोगों के साथ हाथापाई भी की. एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस अर्नब को वैन में बैठा रही है.

चैनल का दावा है कि अर्नब गोस्वामी को मुंबई पुलिस ने जिस मामले में गिरफ्तार किया है वह पहले ही बंद हो चुका है. वहीं इस गिरफ्तारी पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गयी हैं.

अर्नब गोस्वामी को महाराष्ट्र सीआईडी ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की आत्महत्या की जांच के सिलसले में गिरफ्तार किया है.

रिपब्लिक टीवी पर गिरफ्तारी के दौरान की लाइव फुटेज को प्रसारित किया जा रहा है, जिसमें पुलिस और अर्नब के बीच झड़प दिख रही है. केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने ट्वीट करते हुए कहा कि हम महाराष्ट्र में प्रेस स्वतंत्रता पर हमले की निंदा करते हैं. यह प्रेस के साथ व्यवहार करने का तरीका नहीं है. यह हमें उन आपातकालीन दिनों की याद दिलाता है, जब प्रेस के साथ इस तरह से व्यवहार किया गया था.

कानून एवं न्याय, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए.

उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि कोई असहमत हो सकता है. बहस कर सकता है और सवाल भी पूछ सकता है. हालांकि अर्नब गोस्वामी के कद के पत्रकार को पुलिस पावर का दुरुपयोग करते हुए गिरफ्तार करना, क्योंकि वो सवाल पूछ रहे थे, ये ऐसी घटना है जिसकी हम सभी को निंदा करनी चाहिए.

एक अन्य ट्वीट में कहा कि वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर रूप से निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है. 1975 की निर्दयी इमरजेंसी का वरोध करते हुए हमने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी.

वहीं शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार कभी भी बदले की भावना से कार्रवाई नहीं करती. महाराष्ट्र में कानून का राज है. यहां किसी तरह की अराजकता नहीं है. पुलिस प्रोफेशनल है. उनके पास अगर कोई जांच का मामला है और अगर उनके हाथ कोई सबूत लगा होगा तो पुलिस किसी पर भी कार्रवाई कर सकती है.

आगे उन्होंने कहा कि राज्य में ठाकरे सरकार के गठन के बाद हमने कभी बदले की भावना से कार्रवाई नहीं की है. आपने देखा होगा. इस चैनल ने हम सब के खिलाफ बदनामी का एक अभियान चलाया था. झूठे आरोप लगाए थे, लेकिन हमने कहा कि झूठे इलजाम लगाने वालों की भी जांच होनी चाहिए.

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