कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध बीते ढाई महीने से लगातार जारी है. किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली से सटी सीमाओं पर इतनी भीषण ठंड और बारिश के बावजूद बैठे हुए हैं और सरकार से तीनों कृषि कानून को वापस कर एमएसपी पर नया कानून बनाने की मांग कर रहे हैं.
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत लगातार किसान महापंचायत में शामिल हो रहे हैं. आज उन्होंने हरियाणा के कुरूक्षेत्र में हुई किसान महापंचायत में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आंदोलन जीवी परजीवी वाले बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसानों को आंदोलनजीवी या परजीवी कहना ठीक नहीं है.
राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आंदोलनजीवी कहा है. हम आंदोलन करते हैं, जुमलेबाजी तो नहीं करते. उन्होंने कहा कि एमएसपी पर कानून बनना चाहिए वो नहीं बन रहा. तीनों काले कानून खत्म नहीं हो रहे हैं. प्रधानमंत्री ने साल 2011 में कहा था कि देश में एमएसपी पर कानून बनेगा, ये जुमलेबाजी थी.
भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह आंदोलन लंबा चलेगा. अभी सरकार को 2 अक्टूबर तक का समय दिया गया है. दिल्ली से किसान वापस नहीं आ रहे थे जो साढ़े तीन लाख ट्रैक्टर गए थे वे वापस आ रहे थे. सरकार गलतफहमी में न रहे कि किसान वापस चला जाएगा.