विदेशी बाजारों में आई तेजी के बाद स्थानीय मांग कमजोर रहने से दिल्ली के बाजार में सरसों तेल व तिलहन को छोड़कर सोयाबीन, मूंगफली, बिनौला, कच्चा पाम तेल और पामोलीन तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गयी. मलेशिया एक्सचेंज में आधा फीसदी और शिकागो एक्सचेंज में करीब आधा फीसदी तेजी के बाद भी स्थानीय मांग कमजोर रहने से इन तेल तिलहन कीमतों में गिरावट रही.

सरसों की अगली फसल फरवरी के आसपास मंडियों में आने की उम्मीद है. इस वक्त सरसों पेराई से निकला तेल हरा होता है और इसकी मांग कम रहती है. ऐसे में सरसों के पुराने दाने की मांग अचानक बढ़ जाती है.

महाराष्ट्र के लातूर में सोमवार को सोयाबीन की 30 हजार बोरी की आवक हुई. जो मंगलवार को घटकर 10 हजार बोरी रह गयी. सोयाबीन तेल रहित खल की मांग बढ़ने से सोयाबीन तिलहन कीमतों में बदलाव नहीं हुआ. सोयाबीन्म की नयी फसल मंडियों में आ चुकी है. जिसके बाद सोयाबीन के दाम झटके के साथ नीचे आ गए.

अचानक भाव नीचे आने से सोयाबीन किसानों को झटका लगा है. वहीं विदेश में तेजी के बावजूद ऊंचे दाम पर मांग कमजोर होने से कच्चा पाम आयल और पामोलीन ऑइल की कीमतों में गिरावट आई. ऊँचे भाव पर मांग कमजोर होने से मूंगफली तेल तिलहन और बिनौला तेल कीमत में गिरावट आई. नागौर में रिश्ता ब्रांड बिनौला रिफाइंड तेल का भाव 2,430 रूपये से घटकर 2,400 रूपये क्विंटल रह गया.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here