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नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली सीमा पर आंदोलन कर रहे हैं. किसान इन कानूनों को वापस लेने के लिए अड़े हैं जबकि सरकार संशोधन की बात कह रही है. किसान नेताओं और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हुई लेकिन यह बेनतीजा रही. अब फिर से किसान सरकार से बातचीत के लिए तैयार हुए हैं और इसके लिए उन्होंने दिन भी तय किया है.

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि किसान नेताओं ने सरकार के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा कि सरकार से बातचीत के लिए 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे बैठक प्रस्तावित की गयी है. किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को अपनी ओर से बैठक का एजेंडा भी भेजे हैं, जिस पर वो बातचीत करना चाहते हैं. राकेश टिकैत ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी सरकार के साथ बातचीत का एजेंडा होना चाहिए.

इससे पहले सरकार भी किसानों से कई बार अपील कर चुकी है कि वे आंदोलन का रास्ता छोड़े और बातचीत शुरू करें. वहीं किसानों की ओर से कहा गया था कि वो आग से न खेले और आंदोलन को हल्के में न लें.

अब बैठक का एजेंडा तीन केन्द्रीय कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि होगा. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान.

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