केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली सीमा पर करीब दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं. ये किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग सरकार से कर रहे हैं. इस बीच अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने मोदी सरकार के इस कदम को सही बताया है. आईएमएफ का कहना है कि इससे कृषि क्षेत्र में बड़ा सुधार होगा. साथ ही केंद्र को एक सलाह भी दी है.

पीटीआई के मुताबिक आईएमएफ ने कहा है कि इन तीनों कृषि कानूनों में कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधर लाने की क्षमता है. साथ ही कहा कि कृषि कानून के लागू होने और नए सिस्टम में जाने के दौरान जिन लोगों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, उनके लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना भी बहुत जरुरी है.

आईएमएफ के डायरेक्टर ऑफ़ कम्यूनिकेशंस गेरी राइस ने कहा कि नए कृषि कानून बिचौलियों की भूमिका को कम करेंगे और दक्षता को बढ़ाएंगे.

कहा कि हमारा मानना है कि कृषि कानूनों से भारत के कृषि सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा. इन कानूनों की वजह से किसान सीधे विक्रेताओं से संपर्क करने में सक्षम बनेंगे, दलालों की भूमिका कम होने से किसानों को अधिक फायदा होगा और इससे ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही कहा कि इन कानूनों से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए सुरक्षा मुहैया कराए जाने की भी जरूरत है.

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