कृषि कानूनों को लेकर किसानों का विरोध लगातार जारी है. सरकार के लाख मनाने के बाद भी किसान कानून वापसी से कम पर मानने को तैयार नहीं है. सरकार का कहना है कि उसके पास इससे बेहतर कोई विकल्प नहीं है, अगर किसान इसपर सहमत हों तो आगे बात बन सकती है.
शुक्रवार को किसानों और सरकार के बीच 11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही. अब बैठक की अगली तारीख भी तय नहीं हुई. किसानों से सरकार के प्रस्ताव को नामंजूर करते हुए आंदोलन आगे जारी रखने का एलान कर दिया.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमने कहा कि आज वार्ता को पूरा करते हैं, आप लोग अगर निर्णय पर पहुंच सकते हैं तो आप लोग कल अपना मत बताइये. निर्णय घोषित करने पर आपकी सूचना पर हम कहीं भी इकठ्ठा हो सकते हैं.
उन्होंने कहा कि वार्ता के दौर में मर्यादाओं का तो पालन हुआ परंतु किसानों के हक में वार्ता का मार्ग प्रशस्त हो, इस भाव का सदा अभाव था इसलिए वार्ता निर्णय तक नहीं पहुंच सकी. इसका मुझे खेद है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की तरफ से कहा गया कि दो साल तक कानून स्थगित करके चर्चा की जा सकती है. उन्होंने कहा अगर इस प्रस्ताव पर किसान तैयार हैं तो कल फिर से वार्ता की जा सकती है, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया.