सरसों के तेल की कीमत में फिर तेजी दिख रही है. दस दिनों में ही सभी कंपनियों के तेल में काफी बढ़ोतरी दिखी है. 8 से लेकर 12 रूपये प्रति लीटर तक तेल महंगा हो गया है. थोक मंडी में सरसों तेल की कीमत 158 से लेकर 164 रूपये तक पहुंच गयी. जबकि फुटकर में 165 से लेकर 172 रूपये तक बिक रहा है.

शुद्ध कच्ची घानी सरसों का तेल 200 रूपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. रिफाइंड एवं पाम आयल के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है. सभी कंपनियों के तेलों में नौ रूपये लीटर तक वृद्धि हुई है.

खाद्य तेलों की बढ़ रही कीमतें आम जनता के रसोई का बजट बिगाड़ रही हैं. बारिश की वजह से सब्जियों के दाम में भी डेढ़ गुना तेजी आ गयी है. सरसों का तेल हो या रिफाइंड की कीमतें जनवरी से लेकर मई तक लगातार बढ़ती रही हैं. मई के अंत में तो सरसों के तेल की कीमत 186 रूपये पहुंच गयी थी. पिछले वर्ष की तुलना में यह करीब 70 फीसदी ज्यादा है.

जून के अंतिम सप्ताह में सरसों और रिफाइंड के दाम में कुछ गिरावट दर्ज की गयी थी. लेकिन कुछ दिन बाद ही दाम में तेजी आनी शुरू हो गयी. एक थोक कारोबारी का कहना है कि खाद्य तेल की कीमत में कभी इतना उतार-चढ़ाव नहीं रहा. मौके का फायदा उठाकर छोटी कम्पनियां मनमाफिक दाम बढ़ा रही हैं. अगर कीमतों पर नियंत्रण नहीं लगा तो जल्द ही सरसों के तेल की कीमत 200 रूपये प्रति लीटर पार हो जाएगी.

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