प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नई शिक्षा नीति को लेकर 21वीं सदी में स्कूली शिक्षा सम्मेलन को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि नई शिक्षा नीति नए भारत की नई उम्मीदों की नई आवश्यकताओं की पूर्ति का सशक्त माध्यम है.

अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्रों को कोई भी विषय चुनने की आजादी दी गई है. इसे सबसे बड़े सुझाव के तौर पर देख सकते हैं. अब हमारे युवा को Science, humanity या Commerce में किसी एक ब्रैकेट में फिट होने की जरूरत नहीं है. देश के हर छात्र को, उसकी प्रतिभाओं को अब पूरा मौका मिलेगा.

उन्होंने कहा कि भाषा शिक्षा का माध्यम है. भाषा ही सारी शिक्षा नहीं है. जिस भाषा को सुनते हुए बच्चे बड़े होते हैं, उसी भाषा में बच्चों की सीखने की गति बेहतर होती है. नई शिक्षा नीति में मातृ भाषा के अलावा कोई अन्य भाषा सीखने-सिखाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. साथ ही सभी भारतीय भाषाओं को प्रमोट किया जाएगा.

पीएम मोदी ने कहा कि हमें आसान और नए-नए तौर-तरीकों को बढ़ाना होगा. विद्यार्थी अपनी रुचि के अनुसार ही गतिविधियों में Engage हों, उसे अपने अनुसार Explore करें, इन गतिविधियों, प्रोजेक्ट्स को अपने Experience से सीखें, रचनात्मक तरीके से Express करना सीखें. इन सबको मिलाकर ही Excel करने का रास्ता बनता है.

शहरों, निजी स्कूलों तक सीमित प्री-स्कूल की Playful education अब गांवों में, गरीब के घर तक पहुंचेगी. नई शिक्षा नीति के तहत foundational literacy and numeracy को राष्ट्रीय मिशन के रूप में विकसित किया जाएगा. बच्चा Read to learn सीख सके, इसके लिए शुरुआत में Learn to read जरूरी है.

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