कृषि कानूनों के खिलाफ किसान बीते एक महीने से अधिक समय से सड़कों पर हैं. किसान इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर एमएसपी पर नया कानून बनाने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार का कहना है कि ये कानून किसानों के हित में हैं और इन्हें वापस नहीं लिया जाएगा.

किसानों और सरकार के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है मगर फिर भी अब तक इस मसले का कोई हल नहीं निकल पाया है. आज एक बार फिर सरकार और किसानों के बीच बातचीत होगी.

दिल्ली के विज्ञान भवन जाने से पहले भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि देश में एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है. ऐसा विपक्ष हो जिससे सरकार डरे लेकिन यहां पर ऐसा कुछ भी नहीं है.

राकेश टिकैत ने कहा कि ये बहुत जरूरी है कि देश में एक मजबूत विपक्ष हो, विपक्ष कमजोर होने की वजह से ही आज किसानों को सड़कों पर आना पड़ा. उन्होंने विपक्ष को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें भी किसानों की तरह टेंट लगाकर सड़कों पर ही विरोध प्रदर्शन करना चाहिए.

राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार ये कानून वापस नहीं लेगी तब तक ये प्रदर्शन खत्म नहीं होंगे. सरकार को कानून वापस लेना ही पड़ेगा. संशोधन पर बात नहीं बनेगी.

सरकार से बातचीत से पहले राकेश टिकैत के इस रूख से ये बात तो साफ हो गई है कि किसान सरकार के संशोधन के प्रस्ताव पर नहीं मानने वाला. अब देखना ये है कि आज की बातचीत का क्या नतीजा निकलता है.

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