कृषि कानून को लेकर सरकार और किसानों के बीच चल रहे गतिरोध के दौरान आज सुप्रीमकोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने केंद्र सरकार को फटकार भी लगाई. अब अदालत कल इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी.

अदालती कार्यवाही के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता और प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम सुप्रीमकोर्ट का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने किसानों का पक्ष वहां पर रखा. सुप्रीमकोर्ट ने पहली सुनवाई में भी कहा था कि सरकार किसानों से बातचीत कर. उन्होंने कहा कि कृषि कानून केंद्र सरकार ने बनाए हैं तो इसे वापस भी सरकार ही लेगी.

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान आंदोलन के परिणाम स्वरूप सरकार द्वारा जो कुछ करने योग्य था वो सरकार ने चर्चा के माध्यम से किया. उन्होंने कहा कि किसानों की बात सुनकर आवश्यक संशोधन किए जा सकते हैं, उनपर विचार का प्रस्ताव किसान यूनियन के सामने रखा है.

तोमर ने कहा कि कृषि सुधार बिलों से संबंधित विषय सुप्रीमकोर्ट के समक्ष विचाराधीन है इसलिए इस समय इसपर कोई टिप्पणी करने की आवश्यकता प्रतीत नहीं होती है.

बता दें कि कृषि कानूनों के विरोध में इतनी भीषण ठंड के बावजूद किसान बीते 46 दिनों से दिल्ली से सटी सीमाओं पर बैठे हुए हैं और ये तीनो कानून रद्द करने की मांग कर रहे हैं. सरकार और किसानों के बीच कई दौर के बाद भी जब बातचीत नहीं बनी तो आज सुप्रीमकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई हुई.

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