योग गुरु रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं और डॉक्टरों को लेकर टिप्पणी की थी. जिस पर चिकित्सा पेशेवर संघ ने कानूनी नोटिस उन्हें थमाया. इस पर रामदेव ने जवाब देते हुए कहा है कि इसमें कोई योग्यता नहीं है. यह अधूरी जानकारी और एक घंटे की लंबी बैठक के वीडियो के एक खंड पर आधारित है.
रामदेव ने कहा कि उनकी टिप्पणियों को सन्दर्भ से बाहर ले जाया गया. वह केवल प्रयोगात्मक चिकित्सा के अत्यधिक उपयोग पर सवाल उठा रहे थे.
उन्होंने कहा कि कई चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी प्रायोगिक उपचारों के अति प्रयोग के बारे में चिंता व्यक्त की है और उनमें से कई को बाद में उपचार प्रोटोकॉल से हटा दिया गया था. रामदेव ने कहा कि चिकित्सा के किसी भी अनुशासन के खिलाफ कोई दुर्भावना नहीं है.
फेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के नोटिस के जवाब में रामदेव ने कहा कि आपके द्वारा जारी किया गया नोटिस पूरी तरह गलत है, योग्यता से रहित है और अधूरी जानकारी के आधार पर जारी किया गया है. इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि आप नोटिस तुरंत वापस ले लें.
रामदेव ने पिछले महीने कहा था कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन द्वारा उन्हें रद्द करने के लिए कुछ घंटों बाद ही वह विवादास्पद टिप्पणी को वापस ले रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि इस देश के लोग एलोपैथिक दवाओं और डॉक्टरों के खिलाफ आपकी टिप्पणियों से बेहद आहत हैं. आपकी टिप्पणियों पर कल जारी आपके स्पष्टीकरण ने लोगों की आहत भावनाओं को ठीक करने में बहुत मदद नहीं की.