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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया. ये ट्रेन महाराष्ट्र के सांगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार तक चलेगी. किसान रेल को हरी झंडी दिखाने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की चुनौती के बीच चार महीने में किसान रेल का ये नेटवर्क 100 तक पहुंच गया है.

पीएम मोदी ने कहा कि किसान रेल सेवा, देश के किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में भी एक बहुत बड़ा कदम है. इससे खेती से जुड़ी अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा. इससे देश की कोल्ड सप्लाई चेन की ताकत भी बढ़ेगी.

किसान रेल से देश के 80 प्रतिशत से अधिक छोटे और सीमांत किसानों को बहुत बड़ी शक्ति मिली है. इसमें किसानों के लिए कोई न्यूनतम मात्रा तय नहीं है. कोई किसान 50-100 किलो का पार्सल भी भेज सकता है.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भण्डारण की आधुनिक व्यवस्थाओं पर, सप्लाई चैन के आधुनिकीकरण पर करोड़ों का निवेश तो कर ही रही है. साथ ही किसान रेल जैसी नई पहल भी की जा रही है.

छोटे किसानों को कम खर्च में बड़े बाजार देने के लिए हमारी नीयत भी साफ ही और नीति भी स्पष्ट है. हमने बजट में ही इसकी महत्वपूर्ण घोषणा कर दी थी. पहली किसान रेल और दूसरी कृषि उड़ान.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसान रेल चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज भी है. यानि इसमें फल हो, सब्ज़ी हो, दूध हो, मछली हो, यानि जो भी जल्दी खराब होने वाली चीजें हैं, वो पूरी सुरक्षा के साथ एक जगह से दूसरी जगह पहुंच रही हैं.

किसान रेल जैसी सुविधाएं मिलने से कैश क्रॉप, ज्यादा दाम वाली, ज्यादा पोषक फसलों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन बढ़ेगा. छोटा किसान पहले इन सबसे इसलिए नहीं जुड़ पाता था, क्योंकि उसको कोल्ड स्टोरेज और बड़े मार्केट मिलने में दिक्कत होती थी.

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