देश की सर्वोच्य अदालत ने बुधवार को शाहीनबाग मामले को लेकर अपना फैसला सुना दिया. फैसले में अदालत ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन करना संवैधानिक अधिकार है मगर इसके लिए किसी रास्ते को अनिश्चितकाल तक बंद करना पूरी तरह से गलत है. अदालत ने कहा कि हमें उम्मीद है कि भविष्य में फिर कभी ऐसी स्थिती नहीं बनेगी.

अदालत ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के लिए निर्धारित जगह होनी चाहिए, आम जनता को आपके प्रदर्शन से कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिती बनने पर प्रशासन को किसी अदालत के फैसले का इंतेजार किए बिना कार्रवाई करनी चाहिए. ऐसे हालात में सोशल मीडिया के जरिए प्रोपेगंडा फैलने का खतरा बना रहता है.

बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता और वकील अमित साहनी ने शाहीनबाग प्रदर्शन को लेकर अदालत में याचिका दखिल की थी. उन्होंने कहा था कि सड़कों पर ऐसे विरोध जारी नहीं रह सकते. याचिकाकर्ता ने सुप्रीमकोर्ट से अनुरोध किया कि भविष्य में ऐसी स्थिती से बचने के लिए उचित निर्देश जारी करे.

सुनवाई के दौरान लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन के मौलिक अधिकार और लोगों के आवागमन के अधिकार को लेकर काफी बहस हुई. सभी पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने बीती 21 सितंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

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