गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों की ओर से प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने से सुप्रीमकोर्ट ने इंकार कर दिया है. अदालत का कहना है कि ये कानून और व्यवस्था का मामला है और इसपर पुलिस को फैसला लेना चाहिए. हम इसपर कोई आदेश पारित नहीं करेंगे.

सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबड़े ने ने ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हम केंद्र की इस याचिका पर कोई आदेश पारित नहीं करेंगे. ये कानून और व्यवस्था से जुड़ा मामला है, इसपर दिल्ली पुलिस ही फैसला लेगी.

अदालत ने केंद्र सरकार से गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित किसानों की ट्रैक्टर रैली पर रोक लगाने वाली याचिका को वापस लेने को कहा. अदालत के कहने पर केंद्र सरकार के वकील ने ये याचिका वापस ले ली. प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि किसान आंदोलन कर सकते हैं मगर शाति व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए. किसी को भी शांति भंग करने का अधिकार नहीं है.

किसानों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने अदालत को बताया कि किसान केवल आउटर रिंग रोड पर बेहद शांतिपूर्ण तरीके से परेड करेगा. उन्होंने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से गणतंत्र दिवस मनाना चाहते हैं, हम शांति भंग नहीं करेंगे.

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम दिल्ली में ट्रैक्टर रैली निकालकर रहेंगे, हमें कौन रोकेगा. उन्होंने कहा कि दिल्ली भी किसानों की है और गणतंत्र दिवस भी किसानों का है. टिकैत ने कहा कि हमें पुलिस क्यों रोकेगी, हम ट्रैक्टरों पर आ रहे हैं और किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे.

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ सिर्फ बातचीत कर रही है, कोई निर्णय नहीं ले रही. किसान संगठनों को एनआईए द्वारा नोटिस भेजे जाने को लेकर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो सभी किसान एनआईए दफ्तर के बाहर ही धरना देंगे.

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