कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों का प्रदर्शन लगातार जारी है. किसान सरकार से ये तीनों कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार इसे वापस लेने को तैयार नहीं है. सरकार का कहना है कि ये तीनों कानून किसानों के लिए फायदेमंद हैं और इससे उनकी आय बढ़ेगी.

किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का भी एलान कर रखा है. किसानों द्वारा प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च को रद्द करने के लिए सुप्रीमकोर्ट में दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई. अदालत ने फिलहाल इसपर कोई फैसला नहीं दिया है और ये सुनवाई 20 जनवरी तक टाल दी गई है.

इस दौरान सुप्रीमकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े ने कहा कि ये मामला पुलिस का है. हम इसपर कोई फैसला नहीं लेंगे. हम फिलहाल ये मामला स्थगित कर रहे हैं. अदालत ने संकेत दिया कि इस मामले में प्रशासन को फैसला लेना चाहिए.

उन्होंने केंद्र सरकार के वकील से कहा कि क्या अदालत को सरकार को ये बताने की जरूरत है कि आपके पास कानून के तहत क्या शक्तियां हैं. सुप्रीमकोर्ट ने कहा कि रामलीला मैदान में प्रदर्शन की इजाजत पर पुलिस प्रशासन को फैसला लेना है. शहर में कितने लोग आएंगे, किस तरह आएंगे ये पुलिस को तय करना है.

मुख्य न्यायाधीश ने केंद्र सरकार से कहा कि आपके पास इस मामले को हैंडल करने के लिए पूरी अथॉरिटी है. हम ये नहीं कह रहे कि आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं.

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