देश की सर्वोच्य अदालत सुप्रीमकोर्ट ने गुरूवार को केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि लोगों को भड़काने वाले न्यूज प्रोग्रामों पर रोक क्यों नहीं लगाते. अदालत ने कहा कि भड़काने वाले प्रोग्रामों पर को रोकने के लिए जरूरी उपाय किए जाएं और कानून व्यवस्था की निगरानी रखी जाए.
सुप्रीमकोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार के सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि सच्चाई ये है कि कुछ ऐसे प्रोग्राम हैं जिससे लोगों की भावनाएं भड़कती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार के तौर पर आप इसे लेकर कुछ भी नहीं कर रहे हैं.
अदालत ने कहा कि कुछ ऐसे भी टीवी कार्यक्रम हैं जो एक समूह को भड़काने का काम करते हैं, लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है. बीते दिनों मोबाइल और इंटरनेट को बंद रखा गया क्योंकि किसान दिल्ली जा रहे थे. चीफ जस्टिस ने कहा कि ये ऐसी समस्याएं हैं जो कहीं भी खड़ी हो सकती है, मुझे नहीं पता कि बीते दिनों टीवी पर क्या हुआ.
उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और सच्चाई से भरी रिपोर्टिंग समस्या नहीं है, समस्या तब होती है जब इसका इस्तेमाल दूसरों को भड़काने के लिए किया जाता है. ये उतना ही जरूरी है जितना पुलिस वालों को लाठी प्रदान करना. कानून व्यवस्था को बचाए और बनाए रखने के लिए ये एक अहम हिस्सा है.