तेलंगाना में एक महिला ने खेती के लिए ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया है, जिसपर अभीतक वैज्ञानिकों ने पूरी तरह से काम शुरू भी नहीं किया है. यह महिला किसान इस तकनीक पर काम कर खेतों से अच्छी फसल पैदा कर रही है. तकनीक का नाम ‘वेद फार्मिंग’ है. खास बात ये है कि महिला सिर्फ 5वीं तक ही पढ़ी है.

लक्ष्मी रेड्डी इस तकनीक से न सिर्फ समय बचा रही हैं बल्कि पैसे भी बचा रही हैं. खेतों से अच्छी फसल पैदा हो रही है. राज्य में किसी को भी इस तकनीक की जानकारी नहीं थी. जबकि लक्ष्मी न सिर्फ जानती है बल्कि अमल में भी लाती हैं.

मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव को जब इस बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने लक्ष्मी रेड्डी को फोन पर बधाई दी. साथ ही उन्होंने किसान उप्पल प्रसाद राव को इस पर चर्चा के लिए लंच पर अपने फार्म हाउस पर बुलाया है.

महिला किसान राजलक्ष्मी करीमनगर जिले मनकोंदपुर मंडल के कोंडपरकला गांव की रहने वाली हैं. वह अपने पति के साथ खेत में काम करते हुए इस तकनीकी पर काम करने लगी और कामयाबी भी मिली. शुरुआत में उन्हें दिक्कत हुई लेकिन फिर कोई समस्या नहीं आई.

शुरुआत में उन्होंने कुछ मजदूरों को रखकर खेती शुरू की. पर मजदूरों को मनरेगा में अच्छा पैसा मिलने पर वे छोड़कर चले गये. अब उन्हें केमिकल फर्टिलाइजर पर काफी खर्च करना पड़ता था.

लक्ष्मी ने एक उपाय सोचा कि क्यों न बीज नर्सरी के जरिए खेत में लगाने की बजाय ऐसे ही बोया जाए. इस प्रक्रिया ने लक्ष्मी को चौंकाया. पाया कि नर्सरी के लिए बीज की जितनी मात्रा चाहिए होती उससे आधी मात्रा की जरूरत ऐसे ही बोने में लगी. एक एकड़ में लगाने के लिए 30 किलो बीज की नर्सरी लगानी पड़ती थी, जबकि ऐसे ही बोने पर 15 किलो बीज की ही जरूरत पड़ी.

लक्ष्मी के पति तिरुपति रेड्डी का कहना है कि हम खुश हैं इस नयी तकनीक से. इससे न सिर्फ लागत में कमी आई है बल्कि पैदावार भी बढ़ी है. हमें अतिरिक्त रूप से धान के पांच बोरी ज्यादा मिल रही है.

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