प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र को संबोधित किया. वर्चुअल सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने चीन पर बिना नाम लिए ही निशाना साधा. कहा कि भारत दुनिया को अपना परिवार मानता है और मानवता के लिए काम कर रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत जब किसी से दोस्ती का हाथ बढ़ाता है तो किसी तीसरे के खिलाफ नहीं होती. भारत जब विकास की साझेदारी मजबूत करता है तो उसके पीछे किसी साथी देश को मजबूर करने की सोच नहीं होती है. हम अपनी विकास यात्रा से मिले अनुभव को साझा करने में कभी पीछे नहीं रहे. इस बयान को कर्जजाल में फंसाने वाले चीन पर निशाने के रूप में देखा जा रहा है.

वहीं प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियों और नाकामियों का जिक्र करते हुए कहा कि कहने को तो ठीक है कि तीसरा विश्वयुद्ध नहीं हुआ. लेकिन इस बात को नहीं नकार सकते कि अनेक युद्ध हुए, गृहयुद्ध हुए. कितने ही आतंकी हमलों ने विश्व को थर्रा दिया. खून की नदिया बहती रहीं. आगे उन्होंने कहा कि 8-9 महीने से पूरा विश्व कोरोना महामारी से संघर्ष कर रहा है. इस महामारी से निपटने में संयुक्त राष्ट्र कहां है? संयुक्त राष्ट्र के स्वरुप में बदलाव आज समय की मांग है.

महामारी के इस दौर में भारत ने दुनिया के कई देशों को जरुरी दवाई भेजी है. इसका जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महामारी के इस मुश्किल समय में भारत ने 150 देशों को जरुरी दवाएं भेजी हैं. विश्व के सबसे बड़े वैक्सीन उत्पादक देश के तौर पर मैं वैश्विक समुदाय को आश्वासन देना चाहता हूं कि भारत की वैक्सीन उत्पादन क्षमता मानवता को इस संकट से बाहर निकालने में काम आएगी. हम भारत और अपने पड़ोस में फेज3 क्लिनिकल ट्रायल की ओर बढ़ रहे हैं.

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