पिता फेरी लगाकर कपड़े बेचा करते थे. अब बेटे ने यूपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा में 45वीं रैंक हासिल की है. बिहार के किशनगंज में रहने वाले अनिल बसक अपनी सफलता का सारा श्रेय अपने को देते हैं. UPSC 2020 परीक्षा पास करने वाले अनिल ने साल 2014 में आईआईटी का एंट्रेंस पास किया था.

अनिल बसक ने बताया कि साल 2014 में मैं आईआईटी के लिए सेलेक्ट हुआ. जब सिविल इंजीनियरिंग के तीसरे साल में था तो यूपीएससी की तैयारी शुरू की. दो साल बाद 2018 में पहली बार परीक्षा में बैठा.

पहले प्रयास में अनिल को प्रीलिम्स में सफलता नहीं मिल पायी थी. उन्होंने बताया कि उस समय उनके अंदर एक घमंड था. घमंड इस बात का कि जब वो आईआईटी का एंट्रेंस पास कर सकते हैं, तो कोई भी एग्जाम पास कर सकते हैं.

बाद में उन्होंने अपनी सोच बदली और फिर से तैयारी में लग गए. दूसरे प्रयास में उन्हें 616वीं रैंक हासिल हुई. आईआरएस के लिए उनका चयन हुआ. लेकिन संतुष्टि नहीं मिली. फिर से एग्जाम दिया और इस बार 45वीं रैंक हासिल कर ली.

बसक ने बताया कि मेरे परिवार ने बहुत गरीबी देखी. सही बताऊं तो कठिन परिस्थितियां थीं और उन्हीं परिस्थितियों ने मजबूत बनाया. मेरे माता-पिता ने बहुत संघर्ष किया. वही मेरी सफलता के जनक हैं. पापा ने मुझे आगे बढ़ाने के लिए अपनी पूरी जान लगा दी.

अनिल बसक चार भाई हैं. वह दूसरे नंबर पर हैं. अनिल के बड़े भाई काम करे हैं और दो छोटे भाई अभी पढ़ाई कर रहे हैं. अनिल की मां मंजू देवी ने घर संभाला. जबकि पिता बिनोद बसक घर को चलाने के लिए हर छोटा-मोटा काम करते.

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