कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच होने वाली JEE और NEET की परीक्षा का विरोध अब राजनीतिक रंग ले चुका है. कांग्रेस, सपा सहित तमाम राजनीतिक दल इस समय परीक्षा कराए जाने के फैसले के खुलकर विरोध में आ गए हैं. उनका कहना है कि कोरोना और बाढ़ में परीक्षाएं लेना ठीक नहीं है.

समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी नीट परीक्षा के विरोध में उतर आए हैं और उन्होंने सरकार को खुला खत लिख डाला है. अखिलेश यादव का कहना है कि जान के बदले एक्जाम, ये नहीं चलेगा.

पत्र में उन्होंने लिखा कि अगर भाजपा ऐसे जानलेवा एग्जाम करवा रही है, तो केंद्रों के बाहर वो अपने कैबिनेट मंत्री, सांसद और विधायक तैनात करे. जहां पर कोई भी नियम व कानून नहीं होगा. इसके साथ ही विधार्थियों के आने-जाने, खाने-पीने व ठहरने का प्रबंध वैसा ही करें जैसा विधायकों को खरीदते समय करते हैं.

उन्होंने कहा ऐसा लगता है कि भाजपा ये समझ चुकी है कि बेरोजगारी से जूझ रहा युवा तथा कोरोना, बाढ़ और अर्थव्यवस्था से त्रस्त गरीब और निम्न आय वर्ग के लोग उन्हें वोट नहीं देंगे. इसीलिए वो एस तरह के फैसले कर रही है.

अखिलेश यादव ने कहा कि देश में एक नई युवा क्रांति जन्म ले रही है. हमसब साथ हैं आइदये मिलकर कहें, जान के बदले एग्जाम, नहीं चलेगा नहीं चलेगा.

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