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केंद्र सरकार की ओर से उन अभ्यर्थियों को एक और मौका देने को राजी हो गई है जिनका साल 2020 में यूपीएससी सिविल सर्विसेज परीक्षा में अंतिम प्रयास था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण वो परीक्षा देने से वंचित रह गए थे.

हाल ही में सुप्रीमकोर्ट में इस मामले में एक याचिका दाखिल की गई थी जिसमें उन कैंडीडेट्स के लिए एक अतिरिक्त मौका दिए जाने की मांग की गई थी. जिनका पिछले साल अंतिम प्रयास था लेकिन इस साल उम्र की सीमा के चलचे वे इस साल परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते हैं.

गौरतलब है कि यूपीएससी ने सिविल सर्विसेद परीक्षा 4 अक्टूबर को आयोजित की गई थी परीक्षा पहले तो मई में आयोजित की जानी थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था. साल 2020 में सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र सरकार और यूपीएससी को निर्देश दिया था कि उन छात्रों को उम्र की सीमा में छूट देते हुए अतिरिक्त प्रयास के लिए परीक्षा में शामिल होने के लिए अवसर प्रदान किया जाए.

जिनका पिछले साल अंतिम प्रयास था. इसके बाद भारत सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने 26 अक्टूबर को कोर्ट को बताया कि छात्रों को अतिरिक्त मौका दिए जाने पर विचार किया जा रहा है हालांकि बाद में 22 जनवरी को केंद्र ने कहा कि वो एक और मौका दिए जाने के पक्ष में नहीं है. क्योंकि इससे पूरी कार्यप्रणाली पर प्रभाव पड़ेगा. और समानता अवसर दिए जाने के नियम का भी उल्लंघन होगा.

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