भारतीय अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर मोदी सरकार और विपक्षी दलों में आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. सरकार और उसके मंत्री जहां सबकुछ ठीक होने की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों के नेता और कुछ बुद्धिजीवी अर्थव्यवस्था को खराब बताकर मोदी सरकार की नीतियों को इसका जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

हाल में इस मामले को लेकर बहस फिर तेज हो गई जब नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति ने भारतीय अर्थव्यवस्था को खराब बताया.

वित्त मंत्री के पति ने एक अंग्रजी अखबार को लिखे लेख में केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए उन्हें मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव की नीतियों से सीखने की सलाह दे डाली.

मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बी एल संतोष ने एक ट्वीट में कहा कि हरियाणा और महाराष्ट्र में मतदान की तारीखें नजदीक आते ही फिर से ‘इको सिस्टम’ काम पर लग गया है. मनमोहन सिंह 19 अक्टूबर को प्रेस को संबोधित करेंगे, अभिजीत बनर्जी भी साक्षात्कार देना शुरू कर दिए हैं, इतने वर्षों बाद अचानक पराकला प्रभाकर भी बाहर निकलते हैं. पांच दिन की प्रसिद्धि के लिए इन सभी का स्वागत करें.

बी.एल. संतोष की गिनती संगठन के मामले में तेजतर्रार नेता की है. भाजपा में महासचिव तो कई होते हैं, मगर राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) का पद सिर्फ एक होता है, जिसे आमतौर पर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री कहते हैं. यह पद संघ से आने वाले व्यक्ति को ही मिलता है, जिसका मूलत: काम संघ और भाजपा के बीच समन्वय का होता है.

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