इलाहाबाद हाईकोर्ट में 2018 की पुलिस व पीएसी कांस्टेबल भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों की आयुसीमा में पांच वर्ष की छूट देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है. यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने हरिहर प्रसाद निषाद की याचिका पर दिया.
याचिका में कहा गया कि पुलिस भर्ती बोर्ड ने 26 नवंबर 2018 को कांस्टेबल भर्ती निकाली, जिसमें अभ्यर्थियों की अर्हता आयु एक जुलाई 2018 को 22 वर्ष तय की गयी. कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने राजेन्द्र सिंह के केस में पुरुष अभ्यर्थियों को आयुसीमा में एक वर्ष की छूट दी है.
यह भी कहा गया कि क्षैतिज आरक्षण नियम के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आयुसीमा में पांच वर्ष की छूट दी जानी है. भर्ती के तहत नियत तिथि पर याची की आयु 28 वर्ष थी इसलिए उसे भी आवेदन की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन पुलिस भर्ती बोर्ड ने उसे अयोग्य घोषित कर दिया. जबकि सुप्रीम कोर्ट व अन्य पिछड़ा वर्ग की छूट के तहत याची आवेदन करने का हकदार है.
इससे पहले हाईकोर्ट में इसी भर्ती को लेकर शारीरिक दक्षता परीक्षा में सफल घोषित होने के बाद भी चयन न होने को लेकर याचिका दाखिल हुई थी. याची को परीक्षा में सफल घोषित होने के बावजूद अंतिम परिणाम में शामिल नहीं किया गया. ऐसा जाति प्रमाणपत्र समय से पेश न करने के आधार पर किया गया. जबकि याची ने परिणाम घोषित होने से पहले प्रमाणपत्र जारी कर दिया था.