कृषि कानूनों को लेकर किसानों का संघर्ष लगातार जारी है. किसान आरपार के मूड में नजर आ रहे हैं और हर हाल में अपनी मांग को पूरा करवाने पर अड़े हुए हैं. दिल्ली से सटी सीमा पर किसान डेरा डाले हुए हैं और सरकार से इस कानून में संशोधन या इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
सिंधू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में किसानों के प्रतिनिधि ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात करने के बजाए किसानों के मन की बात को सुनें. उन्होंने कहा कि हम अपनी मांगों से समझौता नहीं कर सकते, मांगें पूरी न होने तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
किसानों ने कहा कि अगर यदि सत्ताधारी पार्टी हमारी मांगों पर विचार नहीं करती तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि हम यहां निर्णायक संघर्ष के लिए आए हैं.
हरियाणा किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने कहा कि संविधान के अनुसार शासन लोगों के द्वारा लोगों के लिए होता है लेकिन अब शासन कार्पोरेट्स द्वारा कार्पोरेट्स के लिए हो गया है.
बड़े उद्योगपतियों के लिए कानून बनाए जा रहे हैं और गरीबों किसानों का शोषण किया जा रहा है. बता दें कि पीएम मोदी ने कल मन की बात कार्यक्रम में कहा कि ये सभी कानून किसानों के हित में हैं. उन्हें बहकाया जा रहा है.
Constitution provides for rule of the people, by the people, & for the people, but now it has become rule of the corporates, by the corporates & for the corporates. Laws are being made for corporates, & people are being exploited: Gurnam Singh, Bhartiya Kisan Union (Haryana) Pres pic.twitter.com/sDBFQMsSBl
— ANI (@ANI) November 30, 2020