केंद्र की मोदी सरकार द्वारा हाल में लागू किए गए तीन नए कृषि कानून अब मोदी सरकार के गले की हड्डी बनते जा रहे हैं. कृषि कानून के विरोध में अकाली दल के एनडीए से अलग होने के बाद अब एक और सहयोगी दल ने भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ये कानून वापस न हुए तो अलग होने पर विचार किया जाएगा.

केंद्र की एनडीए सरकार की हिस्सेदार और सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने मोदी सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया जाता तो एनडीए में बने रहने पर विचार यिका जाएगा.

हनुमान बेनीवाल ने ट्वीट कर कहा कि गृहमंत्री अमित शाह जी देश में चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से संबंधित लाए गए तीनों बिलों को तत्काल वापस लिया जाए. स्वामी नाथन आयोग की सभी सिफारिशों को लागू किया जाए और किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए.

इसके अलावा एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा कि आरएलपी एनडीए का घटक दल है, लंकिन आरएलपी की ताकत किसान और जवान है. अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो मुझे किसानों के हित में दिल्ली कूच करना पड़ेगा, उन्होंने कहा कि ये सभी कानून किसान विरोधी हैं.

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