जून तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े सामने आए हैं. लॉकडाउन की वजह से जो संभावना जताई गयी थी आंकड़े उससे भी ज्यादा ख़राब आए हैं. लॉकडाउन के शुरूआती महीनों वाली तिमाही में जबरदस्त गिरावट दर्ज हुई है. 2020-21 वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून के बीच विकास दर में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी.

जबकि अनुमान लगाया गया था कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से हुए लॉकडाउन के चलते जीडीपी की दर में पहली तिमाही में 18 फीसदी तक गिरावट दर्ज की जा सकती है.

सरकारी बैंक एसबीआई का अनुमान था कि यह दर 16.5 फीसदी तक गिर सकती है. लेकिन सामने आए आंकड़े चौंकाने वाले हैं. पिछले साल 2019-20 की इसी तिमाही में 5.2 फीसदी की वृद्धि हुई थी.

जनवरी-मार्च तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 3.1 फीसदी की वृद्धि हुई सामने आई थी जो आठ साल में सबसे कम थी. वहीं जीडीपी के नए आंकड़ों को देखते हुए बताया गया है कि यह 1996 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है.

जीडीपी में दर्ज हुई गिरावट पर मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों के अलावा आंकड़ा इकट्ठा करने के तंत्र पर भी असर पड़ा है. 25 मार्च से देश में लॉकडाउन लगा, जिसके बाद आर्थिक गतिविधियां बंद पड़ गयीं.

राजकोषीय घाटा भी बढ़ गया है. यह लॉकडाउन की वजह से कमजोर राजस्व संग्रह के चलते वित्त वर्ष के शुरूआती चार महीनों में ही पूरे साल के बजट अनुमान को पार कर गया है.

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