कोरोना वायरस महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन के बाद अब देश धीरे-धीरे खुल रहा है. देशभर में पहले से ही 230 ट्रेनें चलाई जा रही है. अब 12 सितम्बर से 80 और ट्रेने चलाने की तैयारी भारतीय रेलवे कर रहा है. इस बीच कहा जा रहा है कि रेलवे क्लोन ट्रेनें भी चला सकता है.

यह वोटिंग लिस्ट वाले यात्रियों की तकलीफ को देखते हुए किया जाएगा. क्लोन ट्रेनें उन रूट पर चलेंगी जहां यात्रियों का लोड ज्यादा होगा. ट्रेनों की वोटिंग लिस्ट को मॉनिटर करने के बाद क्लोन ट्रेनें चलाई जाएंगी.

क्या हैं क्लोन ट्रेनें?

क्लोन ट्रेनों से मतलब है कि दो स्टेशनों के बीच चलने वाली किसी ट्रेन की क्लोन ट्रेन का नंबर और रूट वही रहेगा. मान लीजिए कोई ट्रेन हजरत निजामुद्दीन से हबीबगंज के बीच चल रही और पूरी तरह भर जाती है, इसके बाद भी यात्री वोटिंग में रहते हैं, तो वोटिंग लिस्ट वाले यात्रियों के लिए इसी नंबर की एक और ट्रेन चलाई जाएगी.

इस क्लोन ट्रेन का रूट वही रहेगा. जबकि क्लोन ट्रेन के स्टॉपेज स्पेशल ट्रेन के मुकाबले कम होंगे. ये क्लोन ट्रेन केवल खास स्टेशनों पर रुकेगी और वोटिंग लिस्ट के यात्रियों को राहत देने के लिए इस ट्रेन के स्टॉपेज ओरिजनल ट्रेन से कम होंगे.

ये क्लोन ट्रेनें सामान्य तौर पर 3एसी कोचों वाली ट्रेनें होंगी. ओरिजनल ट्रेन के छूटने के समय से चार घंटे पहले चार्ट फाइनल होने के बाद यात्रियों को क्लोन ट्रेनों में उनकी बर्थ के बारे में सूचना दे दी जाएगी.

हालांकि क्लोन ट्रेन योजना ‘विकल्प योजना’ का विकल्प नहीं होगी. विकल्प योजना साथ में चलती रहेगी. यानि अगर यात्री रिजर्वेशन कन्फर्म न होने पर किसी और ट्रेन से यात्रा करना चाहता है तो वो कर सकेगा. क्लोन ट्रेन में ही जाना मजबूरी नहीं होगी.

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